Paper 4- चन्द्रकांत देवताले के साहित्य में वैष्विक परिदृष्य

PAPER ID:IJIM/V.5(VIII)/18-29]4 AUTHOR: Ritu TITLE :चन्द्रकांत देवताले के साहित्य में वैष्विक परिदृष्य ABSTRACT: कवि चन्द्रकांत देवताले अपने समय के सजग कवि हैं। इन्होंने भारतीय समाज के सामान्य, पिछड़े और प्रताड़ित…

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Paper 4 ਸਿੱਖਇਤਿਹਾਸਵਿੱਚਗੁਰਮਤਿਵਿਆਖਿਆਕਾਰਵਜੋਂ : ਭਾਈਵੀਰਸਿੰਘ

PAPER ID/Vol. 5(VIII)/18-25/4 AUTHOR : Dr. Sukhvinder Singh TITLE : ਸਿੱਖਇਤਿਹਾਸਵਿੱਚਗੁਰਮਤਿਵਿਆਖਿਆਕਾਰਵਜੋਂ : ਭਾਈਵੀਰਸਿੰਘ (sikh itihaas mein dubhaashiya ke roop mein guramat: bhaee veer sinh ) Click here to download Fulltext…

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Paper 6-महादेवी वर्मा के साहित्य में वैचारिक एवं भावात्मक चिंतन

PAPER ID:IJIM/V.5(VIII)/32-42/6 AUTHOR: Ritu TITLE : महादेवी वर्मा के साहित्य में वैचारिक एवं भावात्मक चिंतन ABSTRACT:आधुनिक युग की मीरा कही जाने वाली महादेवी वर्मा जी ने पद्य और गद्य की…

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