Paper 5 महिलाओं के संदर्भ में वस्तुकरण का दार्शनिक विश्लेषण

PAPER ID: IJIM/Vol. 8(I) May 2023/25-27/5

AUTHOR :  Om Kumar Das

TITLE: महिलाओं के संदर्भ में वस्तुकरण का दार्शनिक विश्लेषण (Mahilaon ke Sandarbh main Vastukaran ka Darshnik vishleshan)

TITLE: A philosophical analysis of objectification in the context of women

ABSTRACT: समाज में महिलाओं को लिंग आधारित भेदभाव के कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे जातिए धर्मए रंगए कोटिए वर्ण इत्यादि के आधार पर भी महिलाओं का समाज में वस्तुकरण किया जाता है। पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति गौण होती है। इस स्थिति का मुख्य कारण लैंगिक भेदभाव को माना जाता है। पितृसत्तात्मक समाज में पुरुष की स्थिति केंद्रीय होती है। जगत की सारी वस्तुओं की उपयोगिता एवं महत्व पुरुष के द्वारा उन वस्तुओं के उपयोग किए जाने के मापदंड पर तय किया जाता है। इस मापदंड से नारी भी अछूती नहीं है। वह भी अन्य वस्तुओं के ही भांति पुरुष के लिए उत्पाद के दौड़ में शामिल की जाती है। जबकि यह सर्वथा दोषयुक्त अवधारणा है क्योंकि वह मनुष्य है और मनुष्य को साधन के रूप में देखा जाना अनुचित है। नारीवादी दर्शन में यह अवधारणा वस्तुकरण के नाम से जानी जाती है।

KEYWORDS: महिलाओं का वस्तुकरण, लैंगिक भेदभाव

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