Paper 9-भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में हिंदी साहित्य

PAPER ID:IJIM/V.2(IX)/48-50/9

AUTHOR: डॉ.जिनो पी.वरुगीस

TITLE : भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में हिंदी साहित्य

भूमिका: इक्कीसवीं सदी में समय ,समाज, संस्कृति ,देश और भाषा में परिवर्तन आ रहा है I परन्तु इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है I परिवर्तन युग की मांग है I इस परिवर्तन का अन्य एक नाम है ‘ भूमंडलीकरण ’ अर्थात ग्लोबलाइजेशन ( Globalization ) I आज यह शब्द अपेक्षाकृत नया और काफी प्रचलन में आया शब्द है I इसे हिंदी के साथ जोड़कर अक्सर सुना जाता है I हिंदी भाषा और साहित्य पर इसका प्रभाव गहरा है I भूमंडलीकरण हिंदी साहित्य जगत को रूपायित किया है I इस सन्दर्भ में ग्लोबल होती हिंदी साहित्य पर चर्चा अनिवार्य है I

मूल शब्द :भूमंडलीकरण ,हिंदी साहित्य

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